लव इंडिया फाउंडेशन, श्रीभारतवर्षीय मारवाड़ी समाज एवं गौड़धाम दुर्गाबाड़ी ट्रस्ट द्वारा 2020 की तरह इस वर्ष भी दुर्गोत्सव शरद सम्मान का आयोजन किया गया. कम व मध्यम बजट की, परंपरागत तरीके से आयोजित, सनातन संस्कृति तथा परंपराओं को मानने वाली, सड़क को पुर्णतया अवरोध नहीं करने वाली, जबरदस्ती चंदा नहीं वसूलने वाली, वर्षभर सर्वजन हिताय सामाजिक कार्य करने वाली नौ दुर्गापूजा समितियों को सम्मानित किया गया. सर्वप्रथम कोलकता एवं हावड़ा तथा आसपास की पूजा समितियां जो निर्धारित मापदंडों का पालन कर रही थी उनको वेबसाईट www.durgotsavsharadsamman.in पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आम जनता को आमंत्रित किया गया, तत्पश्चात इसी वेबसाईट पर पंजीकृत दुर्गापूजा आयोजकों को आम जनता द्वारा अपनी पसंद की सर्वोत्तम दुर्गापूजा को मतदान करने के लिए आमंत्रित किया गया. पुर्णतः पारदर्शी तथा जनता की दुर्गापूजा को जनता द्वारा ही श्रेष्ठ घोषित करने के इस प्रयास को बहुत ही सार्थक समर्थन प्राप्त हुआ. विधान नगर स्थित लाबौनि इस्टेट दुर्गापूजा कमिटी, स्वभूमि के पास रेयर इर्थ हाऊसिंग काम्प्लेक्स की दुर्गापूजा, युनेस्को से सम्मानित गिरीश पार्क स्थित हिन्दू महासभा सार्वजनिक दुर्गापूजा समिति, बेलघरिया स्थित आदर्श पल्ली पूजा कमिटी, दमदम रोड़ स्थित रास पूजा कमिटी, देशप्रिय पार्क के पास लोकनाथ भवन में आयोजित पारिवारिक परन्तु सामूहिक दुर्गापूजा, केष्टोपुर प्रफुल्लकानन (पश्चिम) अधिवासीवृंद, सलकिया छात्र व्यायाम समिति तथा न्यू टाउन स्थित आंकक्षा हाउसिंग काम्प्लेक्स की दुर्गापूजा आयोजकों को एक ट्रोफी, एक सर्टिफिकेट, दो बेज तथा एक बैनर भेंट करके सम्मानित किया गया. दुर्गापूजा पर परंपरागत तरीके से गीत गाने वाली, दुर्गापूजा पर संगीत का एलबम बनाने वाली तथा एक उभरती हुई युवा गीतकार सुश्री जया नाग को विशेष पुरूस्कार से सम्मानित किया गया. इस वर्ष के दुर्गोत्सव शरद सम्मान का आयोजन प्रसिद्ध समाजसेविका अंजना गाड़ोदिया की पुण्यस्मृति में किया गया. लाखों करोड़ों रूपये खर्च करके बड़ी बड़ी दुर्गा पूजा का आयोजन बहुत समितियां करती है तथा उन्हें अनेकों पुरूस्कार भी प्राप्त होते हैं, परन्तु ज्यादातर समितियां दिखावे और प्रतिस्पर्धा की होड़ के चलते परंपराओं को एक किनारे रखकर दुर्गापूजा का व्यावसायिक करण करने लगी हैं जहाँ कहीं कहीं तो पितृपक्ष में ही दुर्गा पूजा का उद्घाटन होने लग गया है तथा कार्निवल के नाम से विसर्जन में विलंब करवाना तथा शक्ति रूपी दुर्गा की प्रतिमाओं को नेताओं के सामने से गुजारते हुए प्रदर्शन करवाना यह सभी आध्यात्म की परंपराओं का घोर उपहास है, ऐसा दुर्गोत्सव शरद सम्मान आयोजित समिति के संयोजक मनमोहन गाड़ोदिया का कहना है. जबकि आर्थिक बजट के अनुसार छोटी एवं मध्यम दुर्गा पूजा आयोजक अभी भी आध्यात्मिक परंपराओं का अनुसरण करते हैं हालांकि उन्हें बहुत कम संस्थान पुरूस्कृत करते हैं, अत: लव इंडिया फाऊंडेशन के नेतृत्व में ऐसे आयोजकों को पुरूस्कृत करने के लिए ही दुर्गोत्सव शरद सम्मान का आयोजन किया जा रहा है, यह महर्षि स्वामी सुर्या गीरी ने बताया. पुरूस्कार प्रदान करने वाली तीनों संस्थान से उमा सराफ, शंकर जालान, सुदेश पौद्दार, देवकी नंदन सुरेका, दिलिप अग्रवाल (नर्मदा), श्रेया सरस्वती, शशिलता पौद्दार, शशि सराफ, विनोद गुप्ता, मयंक गाड़ोदिया, निकिता गाड़ोदिया, सुभांकर राय, अमलेश घोष, आलोक झुनझुनवाला, सविता पंसारी, रेयना गुप्ता, अंजु सिंघी आदि कार्यकर्ता सक्रिय थे.